‘अयोध्या कांड’ में आडवाणी को गुस्सा क्यों आया?
सीबीआई की स्पेशल अदालत में तीन घंटे तक जबरदस्त बहस हुई। आडवाणी, जोशी समेत 12 नेता और धर्मगुरु के वकील उन्हें बचाने की पूरी कोशिश करते दिखे। इन वकीलों ने दलील दी थी कि 6 दिसंबर को मंच पर बैठे नेताओं ने भीड़ को नहीं भड़काया, उल्टे वो भीड़ को शांत करना चाहते थे। बाबरी ढांचा गिराने के लिए इन नेताओं ने साजिश नहीं रची। अदालत ने वकीलों की दलील को नहीं माना और आरोप तय कर दिए। एक ऐसा मौका भी आया जब आडवाणी थोड़े नाराज़ दिखे। उन्होंने कोर्ट से कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं, पहले वो उसका अध्ययन करेंगे इसके बाद कागजों पर दस्तखत करेंगे। इसके बाद अदालत ने आडवाणी को समझाने की कोशिश की कि नियम के मुताबिक जब तक वो दस्तखत नहीं करेंगे, उन्हें ज़मानात नहीं मिल सकती। आडवाणी शुरू में अड़े रहे, फिर आडवाणी के वकीलों ने उन्हें मनाने की कोशिश की। आखिर में आडवाणी ने दस्तावेज पर दस्तखत किया लेकिन दस्तखत करते वक्त उन्होंने अपनी टिप्पणी भी लिख दी। आडवाणी ने लिखा, वो अपने ऊपर लगे आरोपों से सहमत नहीं हैं। वो इन आरोपों को खारिज़ करते हैं।